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उत्तर प्रदेश में कृषि अर्थव्यवस्था का मूल आधार है और चीनी उद्योग प्रदेश का सबसे मह्त्वपूर्ण तथा जनव्यापी उद्योग है । उत्तर प्रदेश के चीनी उद्योग के आर्थिक विकास में गन्ने की प्रति हेक्टेयर औसत उपज बढाने के उद्देश्य से सर्वप्रथम माननीय श्री नारायण दत्त तिवारी जी (जब वे उत्तर प्रदेश के गन्ना मन्त्री थे )ने प्रदेश के गन्ना कृषकों को गन्ने की खेती में भारत वर्ष ही नहीं अपितु समस्त गन्ना उत्पादक देशों की नवीनतम शोध वैज्ञानिक विशिष्ट उप्लब्धियों से अवगत कराने तथा प्रशिक्षित कराने की आवश्यकता का अनुभव किया उन्हीं की प्रेरणा तथा प्रबल प्रयासों से उत्तर प्रदेश गन्ना किसान संस्थान का सूत्रपात हुआ । 6 फरवरी 1975 को संस्थान ने गन्ना कृषकों का प्रशिक्षण कार्यक्रम आरम्भ कर दिया। तदुपरान्त 17 मई 1975 को सोसाइटीज रजिस्ट्रेशन एक्ट 1860 के अधीन संस्थान का पंजीकरण हुआ।

माननीय श्री नारायण दत्त तिवारी जी तत्कालीन मुख्य मन्त्री के कर कमलों से ही संस्थान के भवन का 1 जनवरी 1977 को शिलान्यास सम्पन्न हुआ तथा नवनिर्मित भवन का 16 अक्टूबर 1980 को उन्हीं के कर कमलों द्वारा उद्घाटन हुआ।

लाल बहादुर शास्त्री गन्ना किसान संस्थान लखनऊ स्थित मुख्यालय पर गन्ना विकास विभाग, उ0 प्र0 सहकारी चीनी मिल संघ, उ0 प्र्0 राज्य चीनी निगम तथा उ0 प्र0 सहकारी गन्ना समिति संघ एवं प्रदेश की चीनी मिलों के कर्मचरियो / अधिकारियो हेतू योजनाबद्ध कार्यक्रमानुसार वर्ष पर्यन्त प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जाता है।

लाल बहादुर शास्त्री गन्ना किसान संस्थान परिसर में वातानुकूलित आधुनिक श्रोतृशाला, प्रशिक्षण कक्ष, मीटिंग हाल, कंप्यूटर लैब के साथ-साथ ही पुस्तकालय एवं वाचनालय भी स्थापित है, जिसमे उच्चस्तरीय विभागीय गोष्ठियां एवं सामूहिक सभाओं का आयोजन किया जाता है।